
नए वैश्विक रिकॉर्ड की ओर बढ़ रही है जेल में बंद पत्रकारों की संख्या
दुनिया भर की विभिन्न जेलों में बंद पत्रकारों की संख्या ने वर्ष 2022 में एक और रिकॉर्ड बनाया है। संघर्ष और दमन द्वारा चिह्नित इस उल्लेखनीय वर्ष में, अधिनायकवादी नेताओं ने न सिर्फ स्वतंत्र पत्रकारिता के प्रति अपने अपराधीकरण को दुगना कर दिया है, बल्कि असंतोष की आवाज़ों को दबाने और प्रेस की स्वतंत्रता को…

CPJ इमपुनिटी इंडेक्स 2022: पत्रकारों के अधिकतर हत्यारे अब भी हत्या करके बच निकलते हैं
जेनिफर डनहम / डिप्टी संपादकीय निदेशक, सीपीजे पिछले 10 वर्षों के दौरान लगभग 80% पत्रकारों की हत्या के मामले में किसी को भी सज़ा नहीं हुई । यही नहीं, ऐसे मुद्दों से निपटने में सरकारें बहुत कम दिलचस्पी दिखाती हैं। सीपीजे के 2022 ग्लोबल इंप्यूनिटी इंडेक्स में ये बात सामने आई। वैश्विक दण्डमुक्ति सूचकांक |…

मौत की धमकियों और पैसों की हेराफ़री के आरोप पर क्या कहती हैं राना अय्यूब
कुणाल मजूमदार/ सीपीजे भारतीय संवाददाता (Kunal Majumder/ CPJ India Correspondent) राणा अय्यूब, भारत के सबसे उच्च स्तरीय खोजी पत्रकारों में से एक हैं, जिनके पास न सिर्फ वाशिंगटन पोस्ट में एक कॉलम है, बल्कि उनके पास एक सबस्टैक न्यूज़लेटर है , एवं 1.5 मिलियन दर्शकों के साथ ट्विटर पर एक लोकप्रिय उपस्थिति है, इसके अलावा…

भारतीय राज्य विधानसभा चुनाव 2022 : पत्रकार सुरक्षा गाईड
भारत के पांच राज्यों क्रमशः गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में फरवरी एवं मार्च 2022 में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। वह पत्रकार एवं मीडिया कर्मी जो इनमें से किसी भी राज्य के चुनावों में पत्रकारिता करने जा रहे हैं उन्हें शारीरिक हमलों, डराने की कोशिश, उत्पीड़न; इंटरनेट पर डराना, कोविड-19 संक्रमण,…

विश्व भर में पत्रकारों को जेल में डालने के मामले बढ़े, दर्ज की गयी रिकार्ड वृद्धि
पत्रकारों को जेल भेजने के मामले में दुनिया का सबसे खराब देश बना चीन; घातक देशों की सूचि में भारत और मैक्सिको जैसे देश भी शामिल। न्यूयॉर्क 9 दिसंबर, 2021- वर्ष 2021 में जेल में बंद किये गये पत्रकारों की संख्या रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है, 293 पत्रकार जेल में हैं, राजनीतिक उथल-पुथल…

जेल में बंद पत्रकारों की संख्या वैश्विक ऊंचाई पर पहुंची
दुनिया भर की विभिन्न जेलों में बंद पत्रकारों की संख्या ने वर्ष 2021 में एक और रिकॉर्ड बनाया है। नयी तकनीकों एवं नये सुरक्षा कानूनों को लागू करते हुए, एशिया से लेकर यूरोप और यूरोप से लेकर अफ्रीका तक दमनकारी शासनों ने स्वतंत्र प्रेस पर कठोर कार्रवाई की है। सीपीजे की संपादकीय निदेशक अर्लीन गेट्ज़…

पत्रकारों के हत्यारे अब भी हत्या करके बच निकलते हैं
सीपीजे के 2021 ग्लोबल इंप्युनिटी इंडेक्स ने यह जानकारी प्राप्त की है कि पिछले 10 वर्षों के दौरान पत्रकारों की हत्या के 81 % मामलों में किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। जेनिफर डनहम / उप निदेशक संपादकीय सीपीजे 28 अक्टूबर, 2021 को प्रकाशित सीपीजे का वार्षिक ग्लोबल इंप्यूनिटी इंडेक्स जो उन देशों…

सीपीजे सुरक्षा परामर्शिका – पेगासस स्पाइवेयर के निशाने पर पत्रकार।
पेगासस मोबाइल उपकरणों के लिए बनाया गया एक स्पाइवेयर (जासूसी सॉफ्टवेयर) है जो सेलफोन को मोबाइल निगरानी स्टेशन में बदल देता है। शोधकर्ताओं ने दस्तावेजीकरण किया है कि इसे दुनिया भर के पत्रकारों की जासूसी करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, और खोजी पत्रकारों ने 2021 में कम से कम 180 पत्रकारों की…

डिजिटल सुरक्षा : इंटरनेट बंद होने की स्थिति के दौरान
सीपीजे ने पाया है कि इंटरनेट शटडाउन (इंटरनेट बंद होने) होने से प्रेस स्वतंत्रता के लिए गंभीर परिणाम होते हैं और पत्रकारों को प्रभावी ढंग से अपना काम करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इंटरनेट बंद करने या उसकी पहुँच को सीमित करने का मतलब है कि मीडिया कर्मी किसी घटना के घटने के…

CPJ की ओर से भारतीय राज्यों के चुनावों पर काम कर रहे पत्रकारों के लिए सुरक्षा गाईड
पत्रकार सुरक्षा गाईड कई भाषाओं में उपलब्ध है न्यूयॉर्क, मार्च 8, 2021- असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुदुच्चेरी में होने जा रहे राज्यसभा चुनावों और उनसे पहले होने वाली गतिविधियों पर काम करने वाले संपादक, पत्रकार, और फ़ोटोजर्नलिस्ट्स के लिए कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने एक नई भारतीय चुनाव सुरक्षा गाईड प्रकाशित की है. …