दुनिया भर की विभिन्न जेलों में बंद पत्रकारों की संख्या ने वर्ष 2022 में एक और रिकॉर्ड बनाया है। संघर्ष और दमन द्वारा चिह्नित इस उल्लेखनीय वर्ष में, अधिनायकवादी नेताओं ने न सिर्फ स्वतंत्र पत्रकारिता के प्रति अपने अपराधीकरण को दुगना कर दिया है, बल्कि असंतोष की आवाज़ों को दबाने और प्रेस की स्वतंत्रता को…
जेनिफर डनहम / डिप्टी संपादकीय निदेशक, सीपीजे पिछले 10 वर्षों के दौरान लगभग 80% पत्रकारों की हत्या के मामले में किसी को भी सज़ा नहीं हुई । यही नहीं, ऐसे मुद्दों से निपटने में सरकारें बहुत कम दिलचस्पी दिखाती हैं। सीपीजे के 2022 ग्लोबल इंप्यूनिटी इंडेक्स में ये बात सामने आई। वैश्विक दण्डमुक्ति सूचकांक |…
दुनिया भर की विभिन्न जेलों में बंद पत्रकारों की संख्या ने वर्ष 2021 में एक और रिकॉर्ड बनाया है। नयी तकनीकों एवं नये सुरक्षा कानूनों को लागू करते हुए, एशिया से लेकर यूरोप और यूरोप से लेकर अफ्रीका तक दमनकारी शासनों ने स्वतंत्र प्रेस पर कठोर कार्रवाई की है। सीपीजे की संपादकीय निदेशक अर्लीन गेट्ज़…
सीपीजे के 2021 ग्लोबल इंप्युनिटी इंडेक्स ने यह जानकारी प्राप्त की है कि पिछले 10 वर्षों के दौरान पत्रकारों की हत्या के 81 % मामलों में किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। जेनिफर डनहम / उप निदेशक संपादकीय सीपीजे 28 अक्टूबर, 2021 को प्रकाशित सीपीजे का वार्षिक ग्लोबल इंप्यूनिटी इंडेक्स जो उन देशों…