विश्व भर में पत्रकारों को जेल में डालने के मामले बढ़े, दर्ज की गयी रिकार्ड वृद्धि

पत्रकारों को जेल भेजने के मामले में दुनिया का सबसे खराब देश बना चीन; घातक देशों की सूचि में भारत और मैक्सिको जैसे देश भी शामिल।

न्यूयॉर्क 9 दिसंबर, 2021- वर्ष 2021 में जेल में बंद किये गये पत्रकारों की संख्या रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है, 293 पत्रकार जेल में हैं,  राजनीतिक उथल-पुथल और मीडिया की कार्रवाई दुनिया भर में स्वतंत्र रिपोर्टिंग के प्रति बढ़ती हुयी असहिष्णुता को दर्शाती है। ठीक उसी समय, पत्रकारों को लक्ष्य बनाकर किये गये हत्या के मामले भी जारी रहते हैं।  सीपीजे द्वारा 24 ऐसे मामलों का दस्तावेजीकरण  वार्षिक जेल जनगणना और प्रेस पर हमलों के सर्वेक्षण में किया गया है।

दुनिया भर में पत्रकारों को जेल भेजने के मामले में चीन इस वर्ष भी सर्वाधिक ख़राब देश बना हुआ है, सीपीजे द्वारा की गयी गणना के अनुसार वहां अब तक 50 पत्रकारों को जेल में डाला जा चुका है जबकि यह देश फरवरी 2021 के शीत ओलम्पिक खेलों की मेज़बानी करने की तैयारियों में लगा हुआ है।  चीन के बाद म्यांमार है जहाँ 26 पत्रकार जेल में बंद हैं और यहाँ  1 फरवरी के सैन्य तख्तापलट के बाद दमन की लहर में कई पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है।  इसके बाद मिस्र में 25 वियतनाम में 23 एवं बेलारूस में 19 पत्रकार अब भी जेल में बंद हैं। पहली बार सीपीजे की जनगणना में हांगकांग की जेल में बंद पत्रकार भी शामिल हैं, जैसे कि एपल डेली के संस्थापक, जिमी लाई, जिन्हें सीपीजे के 2021 ग्वेन इफ़िल प्रेस फ्रीडम अवार्ड से सम्मानित किया गया था। अफ्रीकी देश इथियोपिया में, एक बढ़ते हुए गृहयुद्ध ने नए मीडिया प्रतिबंधों को प्रेरित किया जिसने इसे इरिट्रिया के बाद उप-सहारा अफ्रीका में पत्रकारों को जेल भेजने के मामले में दूसरे सबसे खराब देश के रूप में उभारा है।

सीपीजे के कार्यकारी निदेशक, जोएल साइमन ने कहा, “यह लगातार छठा वर्ष है जब सीपीजे ने दुनिया भर में कैद पत्रकारों की रिकॉर्ड संख्या का दस्तावेजीकरण किया है। यह संख्या दो अटूट चुनौतियों को दर्शाती है – सरकारें सूचनाओं को नियंत्रित और प्रबंधित करने के लिए दृढ़ हैं, और वे ऐसा करने के अपने प्रयासों में तेजी से बढ़ रही हैं। “समाचार की रिपोर्टिंग के लिए पत्रकारों को कैद करना एक सत्तावादी शासन की पहचान है। साल-दर-साल सूची में कई देशों को देखना दुखद है, लेकिन यह विशेष रूप से भयावह है कि म्यांमार और इथियोपिया जैसे देशों ने भी प्रेस की स्वतंत्रता के विषय पर इतनी बेरहमी से प्रतिक्रिया दी है।”

शीर्ष दस देशों में से तुर्की, इरिट्रिया, सऊदी अरब, रूस और ईरान जैसे देश शामिल हैं, जहां नेता एवं शासक असंतोष को दबाने के लिए तकनीकी और सुरक्षा कानूनों को नियमित रूप से हथियार बनाते हैं और बिना किसी अप्रिय परिणाम के अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करते रहते हैं। विश्व स्तर पर, राज्य-विरोधी आरोप सबसे आम हैं, लेकिन इस साल सीपीजे ने साइबर अपराधों के आरोप में कम से कम 17 जेल में बंद पत्रकारों का भी दस्तावेजीकरण किया है,  परिणामस्वरूप कुछ मामलों में ऑनलाइन प्रकाशित या वितरित की गई किसी भी सूचना के लिए आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है।

यूरोप में, बेलारूस, जिसने पत्रकार रमन प्रतासेविच को गिरफ्तार करने के लिए एक व्यावसायिक उड़ान सेवा का रास्ता बदल दिया, बेलारूस में अब 19 पत्रकार सलाखों के पीछे हैं – 1992 में सीपीजे द्वारा कैद किए गए पत्रकारों की संख्या का दस्तावेजीकरण  शुरू किये जाने के बाद से इस देश में जेल में बंद पत्रकारों की अब तक की सबसे अधिक संख्या है। लैटिन अमेरिका में, जहाँ ऐतिहासिक रूप से जेल में बंद पत्रकारों की संख्या कम थी वहां क्यूबा (3), निकारागुआ (2) और क्रमशः ब्राजील (1) पत्रकार को  जेल में डाल दिया गया, और अब इस पूरे क्षेत्र में प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खतरा तेज हो गया है।

सीपीजे द्वारा की जनगणना की समय सीमा के दौरान उत्तरी अमेरिका में किसी भी पत्रकार को जेल में नहीं डाला गया था। हालांकि, सीपीजे की एक सहयोगी संस्था यूएस प्रेस फ्रीडम ट्रैकर ने 2021 के दौरान पूरे अमेरिका में पत्रकारों की गिरफ्तारियां और हिरासत के 56 मामले दर्ज किये हैं, जिनमें से अधिकांश गिरफ्तारियां विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुईं थीं।

जबकि तुर्की और सऊदी अरब जैसे देशों ने पिछले वर्षों की तुलना में अधिक पत्रकारों को जेल में डालने की प्रवृत्ति को कम कर दिया है, यह प्रेस की स्वतंत्रता के लिए एक बेहतर माहौल का संकेत नहीं देता है, बल्कि यह इस बात का संकेत है कि सेंसरशिप के विविधीकरण के साथ, निगरानी और इंटरनेट शटडाउन जैसे उपकरणों का उपयोग करने वाले अधिकारी हैं  और कैदियों की रिहाई के साथ उन शर्तों के तहत होती हैं जो स्वतंत्रता की धारणा को नकारते हैं।

विश्व स्तर पर, भारत में सबसे अधिक संख्या में – चार पत्रकारों की उनके काम के लिए सीधे प्रतिशोध में मारे जाने की पुष्टि की गयी है, और एक पत्रकार की मृत्यु  विरोध प्रदर्शन में समाचार संकलन के दौरान हुयी है। हालाँकि, मेक्सिको विश्व के पश्चिमी गोलार्ध में पत्रकारों के लिए सबसे घातक देश बना रहा, जहाँ तीन पत्रकारों की हत्या उनकी पत्रकारिता के लिए हुयी है और छह अन्य हत्या के मामलों के कारणों की जाँच के तहत की गई है।

इस साल दुनिया भर में मारे गए पत्रकारों में से लगभग 80% की हत्या कर दी गई है। लोकतांत्रिक और सत्तावादी शासनों में समान रूप से, इन मामलों के दोषियों को दण्ड से मुक्ति देने का चक्र बना रहता है, जिससे यह संदेश जाता है कि अपराधियों को जवाबदेह नहीं ठहराया जाएगा।

इस सप्ताह समिट फॉर डेमोक्रेसी, जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका की एक नई विदेश नीति का केंद्रबिंदु है, और इस में सीपीजे की जेल जनगणना में कम से कम सात देशों की भागीदारी शामिल है, जिनमें से कई मामलों में ब्राजील, भारत, इराक और फिलीपींस जैसे देशों में दण्ड से मुक्ति का रिकॉर्ड भी है। जहां अधिकारियों ने इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया रसा जैसी स्वतंत्र पत्रकारों के खिलाफ भी जवाबी कार्रवाई जारी रखी है, इस सप्ताह उनके खिलाफ एक और आरोप बढ़ा चढ़ा कर जारी किया गया है।

उक्त रिपोर्ट द्वारा चित्रित गंभीर तस्वीर के सामने आने के बावजूद, सीपीजे सेंसरशिप के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखता है। सीपीजे के पक्ष समर्थन अनुभाग  ने 2021 में दुनिया भर में कम से कम 100 कैद पत्रकारों की जल्द रिहाई में योगदान दिया है। हाल ही में, सत्य के लिए एक सुरक्षित दुनिया कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, सीपीजे एवं अन्य भागीदारों ने पत्रकारों की हत्या के मामलों में दण्ड से मुक्ति को संबोधित करने के लिए एक पीपुल्स ट्रिब्यूनल (जनता का न्यायाधिकरण) कार्यक्रम लोकार्पित किया है । उक्त ट्रिब्यूनल, जमीनी स्तर पर न्याय का एक रूप, जांच और उच्च गुणवत्ता वाले कानूनी विश्लेषण पर निर्भर करता है जिसमें न्याय और जवाबदेही के लिए एक ढांचा प्रदान करने के लिए विशिष्ट मामले शामिल होते हैं।

सीपीजे द्वारा की गयी जेल की जनगणना 1 दिसंबर, 2021 को सुबह 12:01 बजे बंदियों का एक आशुचित्र है। इसमें साल भर में कैद और रिहा किए गए कई अन्य पत्रकार शामिल नहीं हैं; उन मामलों से सबंधित दस्तावेज http://cpj.org पर देखे जा सकते हैं। सीपीजे का अपने काम के लिए मारे गए पत्रकारों का विश्लेषण 1 दिसंबर, 2021 के आंकड़ों पर आधारित है। सीपीजे की वेबसाइट cpj.org/data/killed/ पर लगातार अपडेट की जाती है।

***

सीपीजे एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी संगठन है जो दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए काम करता है।

संपादकों के लिए नोट:

सीपीजे की यह रिपोर्ट कई भाषाओं में cpj.org पर उपलब्ध है। सीपीजे के विशेषज्ञ भी साक्षात्कार के लिए उपलब्ध हैं।